आदित्यनमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने दीर्घ आयुर्बलं वीर्य तेजस तेषां च जायत । अकालमृत्युहरणम सर्वव्याधिविनाशम सूर्यपादोदकं तीर्थं जठरे धरायाम्यहम ॥

 आदित्यनमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने दीर्घ आयुर्बलं वीर्य तेजस तेषां च जायत । अकालमृत्युहरणम सर्वव्याधिविनाशम सूर्यपादोदकं तीर्थं जठरे धरायाम्यहम ॥

 भावार्थ :

भगवान सूर्य को नमस्कार जिस तरह वह बड रहे हैं दिन का आरम्भ हो रहा है जिसका तेज, शक्ति को दीर्घ आयु प्राप्त है जिसे मृत्यु पर विजय प्राप्त है , जो सभी की रक्षा करता है ऐसे सूर्य देवता के चरणों में समस्त तीर्थ का सुख है ।