शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपद: । शत्रुबुध्दिविनाशाय दीपजोतिर्नामोस्तुते ॥

 शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपद: । शत्रुबुध्दिविनाशाय दीपजोतिर्नामोस्तुते ॥

 भावार्थ :

ऐसे देवता को प्रणाम करती हूँ ,जो कल्याण करता है, रोग मुक्त रखता है, धन सम्पदा देता हैं, जो विपरीत बुध्दि का नाश करके मुझे सद मार्ग दिखाता हैं, ऐसी दीव्य ज्योति को मेरा परम नम: ।